क्या है फिजियोथेरेपी ?

भौतिक चिकित्सा (Physiotherapy)

फिजियोथेरेपी को हिंदी में भौतिक चिकित्सा के नाम से जाना जाता है और इस उपचार पद्वति में विभिन्न तकनीकों की सहायता से शरीर के किसी भी हिस्से लगी चोट व दर्द या अक्षमता व अंगों के काम करने के दौरान होने वाले दर्द से मरीज निजात पा सकता है। व्यायाम व मालिस एवं दवा के बिना इलाज कर दर्द से छुटकारा दिलाने को फिजियोथेरपी कहा जाता है।


कैसे-कैसे दर्द का होता है इलाज ?

इसमें मानसिक तनाव, कमर दर्द, कंधे में दर्द, घुटनों में दर्द, हाथ पैरों का सुन हो जाना, सरवाईकल पेन, साइटिका, नसों में दबाव, जोडों में दर्द व सूजन, कंधा जाम, ऐडी व पैर में दर्द या सूजन, कोहनी व कलाई में दर्द, लकवा व मासपेंशियों में कमजोरी, खेल के दौरान आई हुई चोट व मोच, फैक्चर के बाद जोड का न मुडना, मुंह का एक तरफ मुड जाना, अधरंग, गठिया, पोलियो, खिंचवा, झनझनाहट होना, नले व धरण, माइग्रेन, बच्चों को चलने फिरने व उठने बैठने में दिक्कत होना सहित अन्य बिमारियों का इलाज किया जाता है। लगातार फिजियोथेरेपी लेने से आप बहुत सी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं, महिलाओं एवं बुजुर्गों की चोट या किसी बच्चे का कार्य के दौरान संतुलन न बना पाना या सही तरीके से शारीरिक विकास न हो पाना, इन सभी समस्याओं का समाधान एक फिजियोथेरेपिस्ट कर सकता है। यदि आपकी हालत ज्यादा खराब है, तब आपका फिजियोथेरेपिस्ट आपको दर्द निवारक दवाईयां दे सकता है। लगातार फिजियोथेरेपी लेने आपकी मासपेशियां मजबूत बनती है। फिजियोथेरेपी लेकर आप लंबा जीवन जी सकते हैं। फिजियोथेरेपी से पेशेंट को जोडों व पीठ के दर्द तथा मानसिक तनाव जैसी स्थितियों से भी राहत मिलती है। 


छोटे बच्चों एवं बुजुर्गों को होने वाली समस्याओं में भी कारगर है फिजियोथेरेपी 

छोटे बच्चों एवं बुजुर्गों की बीमारियों में भी फिजियोथेरेपी के माध्यम अच्छे परिणाम हासिल किये जा सकते हैं। आज फिजियोथेरेपी का क्षेत्र लगातार फैलता जा रहा है। एक फिजियोथेरेपिस्ट को लोक व्यवहार में परांगत होना चाहिए ताकि वह मरीजों के साथ अच्छे ढंग से बातचीत कर सके। क्योंकि उसका काम लोगों से जुडा हुआ है और उसे बातचीत में माहिर होना चाहिए। इसके अलावा भी फिजियोथेरेपिस्ट को धर्यशील होना चाहिए, क्योंकि यहां पर आपकों लंबे समय तक कार्य करना पडता है, लंबे समय तक कार्य करने के बाद ही बेहतर परिणाम सामने आते हैं। फिजियोथेरेपस्टि में लोगों को समझने की कला होनी चाहिए ताकि वह लोगों को समझ कर इलाज के दौरान उनकी हौसला अफजाई कर सके। उसकी याददाश्त अच्छी होनी चाहिए ताकि वह मोटिवेशन बातों यादकर अपने मरीजों को बता सके। फिजियोथेरेपिस्ट को अपने पेशेंटों को मोटिवेट करना होता है और उसे इस कला में भी निपुर्ण होना चाहिए। 


फिजियोथेरेपिस्ट का कार्य लोगों को दर्द राहत दिलाना है

फिजियोथेरेपिस्ट का कार्य लोगों को उनके दर्द से छुटकारा दिलाना है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि रोगी व्यक्ति ही नहीं बल्कि स्वस्थ लोग भी फिजियोथेपिस्ट की सलाह लेकर तंदरूस्त रह सकते हैं और लंबा जीवन व्यतित कर सकते हैं। आज देश के लगभग सभी अस्पतालों में फिजियोथेरेपी दी जाती है। फिजियोथेरेपी पर लोगों के बढते विश्वास और बाकी इलाज के तरीकों से अलग फिजियोथेरेपी उच्च पेशेवर लोग ही करते हैं। 


कैसे करते हैं इलाज 

शरीर में आए कडेपन को सेका देकर हिलाया डुलाया जाता है ताकि शरीर की मांसपेशियों का कडापन दूर किया जाता है। फिजियोथेरेपी में कई तरह से हिट के द्वारा रोगी का उपचार किया जाता है। मशीनों का उपयोग करने उपचार किया जाता है। फिजियोथेरेपी में आइस पैक, हॉट पैक एवं हाइडोथेरेपी के माध्यम से रोगी का इलाज किया जाता है।


फिजियोथेरेपी से क्या लाभ होते हैं ?

शारीरिक समस्याओं को नियंत्रित करने और उन्हें रोकने में फिजियोथेरेपी लाभदायक सिद्व होती है। शरीर में होने वाला दर्द बिल्कुल खत्म हो जाता है, मांसपेशियों का लचीलापन और वह मजबूत हो जाती है, आप पहले की तरह सभी काम अच्छे से करने लगते हैं। जोडों को लचीलापन बढता है और उनकी गति भी एक बार फिर से समान्य हो जाता है एवं आपके शरीर में उर्जा की मात्रा बढने लगती है। इसके अलावा आपकी सहनशक्ति बढ जाती है और आप फिजियोथेरेपी लेकर पहले ज्यादा मजबूत हो जाते हो। मानसिक शांति बढाने के साथ-साथ दर्द से राहत दिलाने में और आपको जीवन में एक बार पुर्नस्थापित करने में कारगार साबित होती है थेरेपी। मांसपेशियों के संतुलन के साथ शरीरिक सक्रियता भी बढ जाती है और थेरेपी लेकर आप पहले से बेहतर महसूस करते हो। फिजियोथेरेपी के द्वारा आपके शरीर की अधिकतम कार्य क्षमता को विकसित करना है और लाइफ टाइम तक बनाये रखना है। डॉक्टर आपके मेडिकल हिस्टी जानकर और आपका शारीरिक परीक्षण के द्वारा आपको दर्द से राहत दिलाने के लिए प्रबंधन योजना बनाता है।


कैसे काम करते हैं फिजियोथेरेपिस्ट ?

फिजियोथेरेपिस्ट हाथों से थेरेपी देते हैं, जिससे जोडों एवं उत्तकों को मोडने में मदद मिलती है और आपकी कार्यक्षमता भी सुधार होता है, आपकी मांसपेशियों की अकडन एवं ऐंठन में आराम होता है। इलेक्टिकल नर्व स्टिमुलेशन विधि के द्वारा आपका इलाज किया जाता है, एक्यूपंक्चर के द्वारा मांसपेशियों को आराम दिया जाता है और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाया जाता है।

लेखक  

Dr.Vikrant Kumar(Sports physiotherapist)


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